मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज, नई दिल्ली ने ग्वालियर में मल्टी—सुपर स्पेशलिटी ओपीडी सेवा शुरू की

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मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज, नई दिल्ली ने ग्वालियर में मल्टी—सुपर स्पेशलिटी ओपीडी सेवा शुरू की

 — यह थोरेसिस ओपीडी सर्वोदय हॉस्पिटल में हर दूसरे गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुलेगी
— जीआई ऑन्कोलॉजी ओपीडी हर तीसरे गुरुवार को श्री डायग्नोस्टिक्स सेंटर के मैक्स पेशेंट असिस्टेंस सेंटर में सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुली रहेंगी
 
ग्वालियर, 18 मार्च, 2021: उत्तर भारत में अच्छी स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में दशकों से उत्कृष्ट संस्थान मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज, नई दिल्ली ने आज ग्वालियर में अपनी मल्टी—सुपर स्पेशलिटी ओपीडी सेवा शुरू की। इस ओपीडी सेवा केंद्र पर उच्च स्तर की डायग्नोस्टिक सेवा और टर्शियरी स्पेशियल्टी के साथ ही गैस्ट्रो—इंटेस्टाइनल ऑन्कोलॉजी तथा थोरैसिस सर्जरी के इलाज की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
 
थोरैसिस सर्जरी की ओपीडी सेवा कटोरा ताल, मेडिकल कॉलेज के पास स्थित सर्वोदय हॉस्पिटल में प्रत्येक दूसरे गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुलेगी। मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज और वैशाली में थोरैसिस एंड रोबोटिक थोरैसिस सर्जरी के निदेशक डॉ. प्रमोज जिंदल हर महीने खुद ओपीडी संचालन के लिए यहां मौजूद रहेंगे। 

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर पर नियंत्रण के लिए यह ओपीडी सेवा मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज एवं वैशाली में जीआई ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर और प्रमुख डॉ. विवेक मंगला द्वारा महीने के हर तीसरे गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक ग्वालियर स्थित श्री डायग्नोस्टिक्स सेंटर में मैक्स पेशेंट असिस्टेंस सेंटर पर संचालित की जाएगी। 

यह ओपीडी सेवा शुरू होने से स्थानीय निवासियों को प्राथमिक परामर्श लेने के लिए कहीं और यात्रा कर जाने की जरूरत नहीं होगी और ग्वालियर में ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता होने से उन्हें बहुत लाभ होगा। एक आम धारणा है कि चौथे चरण में फेफड़े का कैंसर पता चलने के बाद मरीज कुछ ही महीने जी पाता है लेकिन इलाज की तकनीकों में हुई तरक्की से यह धारणा बदलने लगी है। समय के साथ इस बीमारी को बेहतर ढंग से समझा जाने लगा है और आधुनिक जांच के तौर—तरीकों से शुरुआती चरण में ही लंग कैंसर के लक्षणों का पता चल जाता है। लिहाजा इस बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है कि जितनी जल्दी हो सके, जांच करा लेना चाहिए।
 
मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज एवं वैशाली में थोरैसिस एंड रोबोटिक थोरैसिक सर्जरी के निदेशक डॉ. प्रमोज जिंदल ने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में तेजी से हुए बदलाव के कारण थोरैसिस सर्जरी की रोबोटिक तकनीक बहुत लोकप्रिय हो गई है जिसके तहत मेडिएस्टिनल और पल्मोनरी के जख्मों का इलाज किया जाता है। इस क्षेत्र में हुई तरक्की के कारण सीने और फेफड़ा प्रणाली में किसी तरह की दिक्कत से पीड़ित मरीजों के इलाज का बेहतर परिणाम सामने आने लगा है। आखिरी चरण के पल्मोनरी रोग से पीड़ित ऐसे मरीजों की संख्या हाल के वर्षों में बढ़ी है, जिन्हें फेफड़ा प्रत्यारोपण की आवश्यकता पड़ी है। आजकल की थोरैसिस रोबोटिक सर्जरी ने जटिल से जटिल मामलों में भी मरीज की सुरक्षा और जीवन गुणवत्ता बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया है।' 

हाल के दिनों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के मामले भी बढ़ने लगे हैं जिसमें भोजन नली, लीवर, पेट, गॉलब्लैडर, पैंक्रियाज और छोटी आंत समेत जीआई ट्रैक्ट और पाचन तंत्र प्रभावित हो जाता है। ऐसे मामलों में शुरुआती जांच कराई जाए तो इलाज के अनुकूल परिणाम मिलते हैं। कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में हुई प्रगति को देखते हुए कहा जा सकता है कि इसमें जागरूकता की अहम भूमिका होती है।
 
मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज में जीआई ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर और प्रमुख डॉ. विवेक मंगला ने कहा, 'हाल के वर्षों में जीआई कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। अस्वास्थ्यकर खानपान और निष्क्रिय लाइफस्टाइल के कारण गैस्ट्रो इंटेरोलॉजिकल समस्याएं बढ़ी हैं। लेकिन इन समस्याओं की शुरुआती डायग्नोसिस से सटीक इलाज हो सकता है। दुर्भाग्य है कि ऐसे ज्यादातर मरीज आखिरी चरण में डॉक्टरों से सलाह लेते हैं जब उनकी स्थिति बुरी तरह बिगड़ चुकी होती है। इस मासिक ओपीडी की मदद से हमने महानगरों से दूर रहने वाले लोगों को भी स्वस्थ जीवन देने और सुगम स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का बीड़ा उठाया है। हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे किसी लक्षण को खुद ही खत्म या कम हो जाने का इंतजार किए बगैर डॉक्टर के पास आएं और जांच कराएं क्योंकि ऐसा नहीं करने पर वे खुद की सेहत को खतरे में डाल रहे हैं।