कानपुर में मरीजों के लिए शुरू हुई पहली कैंसर ओपीडी

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कानपुर में मरीजों के लिए शुरू हुई पहली कैंसर ओपीडी

कानपुर सिटी हॉस्पिटल में मिलेगी बीएलके सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल की कैंसर ओपीडी सेवाएंहर माह आंकोलॉजिस्ट इस ओपीडी में परामर्श देने के लिए महीने में एक बार आएंगे l 

कानपुर में मरीजों के लिए शुरू हुई पहली कैंसर ओपीडी

शहर के सिटी हॉस्पिटल में पहली बार दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल के सहयोग से कैंसर ओपीडी शुरू की गई है। अब कैंसर पीड़ितों को शहर में ही कैंसर का गुणवत्ता पूर्वक इलाज एवं परामर्श मिलेगा। मरीजों के हित को ध्यान में रखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने पहल की है। ओपीडी में सिर, गला, ब्रेस्ट, फेफड़ा, भोजन की नली, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और यूरोलॉजिकल कैंसर से संबंधित परामर्श और इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। 

दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के प्रमुख आंकोलॉजी सर्जन (कैंसर विशेषज्ञ) एवं सीनियर डायरेक्टर व एचओडी, सर्जिकल आंकोलॉजी एंड रोबोटिक सर्जरी डॉ. सुरेंद्र डबास और हॉस्पिटल के सर्जिकल अंकोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. हिमांशु शुक्ला के नेतृत्व में कैंसर ओपीडी सेवा शुरू की गई है। दोनों डॉक्टर महीने में एक बार आकर ओपीडी करेंगे। 

जीवनशैली में बदलाव से रोका जा सकता कैंसर

डॉ. सुरेंद्र डबास ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कैंसर को लेकर जागरूकता की कमी है। लोग जब इलाज के लिए आते हैं, तब तक उनकी बीमारी एडवांस्ड स्टेज में पहुंच चुकी होती है। हमारे पास यहां से अधिकतर केस फेफड़े, सिर और गले या महिलाओं के कैंसर के आते हैं। खासकर महिलाओं में सर्वाइकल (बच्चेदानी का मुख कैंसर) और ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) के केस अधिक होते हैं। इसी तरह पुरुषों में फेफड़े, गले और मुंह का कैंसर आम है। इनमें से ज्यादातर कैंसर लाइफस्टाइल (जीवनशैली) में मामूली बदलाव करके रोके जा सकते हैं। कैंसर ओपीडी शुरू करने का उद्​देश्य अधिक से अधिक लोगों में कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना है। उन्हें विशेष परामर्श देकर शुरुआती चरण में कैंसर की पहचान करना है। कैंसर की शुरुआती चरण में पहचान करके मरीज के स्वस्थ होने और जीवन भी बढ़ाया जा सकता है।

समय से कैंसर की पहचान से सफल इलाज

डॉ. हिमांशु शुक्ला ने बताया कि कैंसर की शुरुआती डायग्नोसिस जरूरी है। समय से कैंसर की पहचान से सफल इलाज की संभावना अधिक होती है। आधुनिकतम कैंसर केयर की वजह से स्वस्थ मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। कैंसर के इलाज में अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध होने से कैंसर पीड़ितों के जीवन का स्तर सुधरा है।

हॉस्पिटल में कैंसर के इलाज की सुविधाएं

दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में अत्याधुनिक टैक्नोलॉजी, विश्व स्तरीय सुविधाओं और सर्जिकल, मेडिकल एवं रेडिएशन अांकोलॉजिस्टों की अनुभवी टीम। अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त चिकित्सक। इस केंद्र की नई टेक्नोलॉजी से कैंसर की डायग्नोसिस एवं रेडिएशन की अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं।

देश में तंबाकू से सर्वाधिक कैंसर

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा जारी राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में भारत में कैंसर के 13.9 लाख मामले थे। एक अनुमान के मुताबिक मरीजों की संख्या वर्ष 2025 तक बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंच सकती है। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2020 में भारत में कैंसर के मामलों में तंबाकू से होने वाले कैंसर के मामलों का 27.1 फीसदी योगदान था।