Cervical Cancer Awareness Month: पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले क्यों हैं अधिक , एक्सपर्ट से जानें Cervical Cancer के लक्षण, कारण और उपचार से जुड़े फैक्ट्स

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Cervical Cancer Awareness Month: पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले क्यों हैं अधिक , एक्सपर्ट से जानें Cervical Cancer के लक्षण, कारण और उपचार से जुड़े फैक्ट्स

   

 Risk of Cervical Cancer:सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के यूट्रस या गर्भाशय ग्रीवा के मुहाने में होने वाला कैंसर का प्रकार है। गर्भाशय की ग्रीवा जिसे सर्विक्स कहा जाता है में होने वाला यह कैंसर भारत में भी चिंता का बड़ा विषय है क्योंकि, यहां महिलाओं में सर्विक्स के कैंसर के मामलों की संख्या भी अधिक है। सर्वाइकल कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल जनवरी महीने को सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह (Cervical Cancer Awareness Month 2022)  के तौर पर मनाया जाता है।

सर्वाइकल कैंसर कितना घातक है, इसके कारण क्या हैं और महिलाओं को इस प्रकार के कैंसर से बचाव के लिए क्या करना चाहिए, इन सबके बारे में जानकारी दी मैक्स सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल (वैशाली, दिल्ली) की सीनियर कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट,  डॉ. सफलता ( Dr. Saphalta, Sr Consultant M
edical Oncology,Max Super Speciality Hospital, Vaishali) ने। उन्होंने सर्वाइकल कैंसर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण और कॉमन सवालों का जवाब भी दिया और महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव और उपचार से जुड़ी जानकारियां भी दीं।

किस उम्र में महिलाओं  को सर्वाइकल कैंसर का खतरा अधिक होता है?(Age And Risk for Cervical Cancer in women)

20 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होना एक दुर्लभ स्थिति है। सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित अधिकांश महिलाएं  35 से 44 वर्ष के आयुवर्ग से आती हैं। इसीलिए 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को एहतियात के तौर पर नियमित स्क्रिनिंग कराने की सलाह दी जाती है। सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षा के लिए जो टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है उनमें, पैप टेस्ट (Pap test) और एचपीवी टेस्ट (HPV test) प्रमुख हैं।

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पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले अधिक क्यों दिखायी देते हैं

स्टडीज और रिसर्च के अनुसार, महिलाओं में कॉमन बताए गए एचपीवी कैंसर के प्रकारों में (HPV-associated cancer among women) में चौथा सबसे आम प्रकार है सर्वाइकल कैंसर। सर्विक्स में असाधारण सेल्स के बनने और उनके विकास के कारण सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ता है। यही वजह है कि महिलाओं में इस प्रकार का कैंसर के मामले पुरुषों कीतुलना में अधिक दिखायी देते हैं। (reason why women are more at risk of Cervical cancer than men)

कुछ समय पहले ग्लोबोकैन 2020 इंडिया फैक्टशीट (Globocan 2020 India Factsheet) द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा के अनुसार, भारत में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर तीसरा सबसे कॉमन कैंसर का प्रकार है। भारत में लगभग 18.3%  फीसदी महिलाओं को  सर्वाइकल कैंसर है।

25 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा कम है या अधिक?

डॉक्टर के अनुसार,सर्वाइकल कैंसर 20-25 साल की उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer) के मामले बहुत दुर्लभ हैं। जबकि, 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का रिस्क काफी अधिक है। इसके पीछे वजह कैंसरस सेल्स के विकसित होने की गति मानी जाती है  जिसमें वर्षों का समय लग सकता है। जब तक ये सेल्स विकसित होती हैं और उन्हें काफी देर से सर्वाइकल कैंसर के लक्षण दिखायी देते हैं और यही वजह हो सकती है कि तब तक महिलाओं की उम्र भी बढ़ जाती है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण क्या हैं?(Early symptoms of Cervical Cancer)

प्रारंभिक स्टेज पर पीड़ित महिला को सर्वाइकल कैंसर के कोई लक्षण नहीं दिखायी देते। यही वजह है कि 30 वर्ष के बाद की महिलाओं को नियमित चेकअप और स्क्रिनिंग कराने की सलाह दी जाती है। वहीं, सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख लक्षणये समस्याएं हो सकती हैं-

  • मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग होना (bleeding in post-menopausal women)
  • पीरियड्स के अलावा भी ब्लीडिंग होना ( bleeding between periods)
  • वैजाइनल डिस्चार्ज और बदबू (vaginal discharge with a strong odor)
  • डिस्चार्ज के साथ पेल्किव एरिया में दर्द ( vaginal discharge tinged with blood pelvic pain)