कोरोना कालः डाक्टरों ने लोगों को जागरूक करने की सलाह दी

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कोरोना कालः डाक्टरों ने लोगों को जागरूक करने की सलाह दी

कोरोना कालः डाक्टरों ने लोगों को जागरूक करने की सलाह दी

कानपुर। कोरोना वायरस की महामारी के बाद के दौर में हृदय रोगों में काफी वृद्धि हुई है। इस तथ्य को देखते हुए जनता के बीच जागरुकता बढ़ाने की सख्त आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखते  हुए दिल्ली  के प्रतिष्ठित मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल साकेत ने कानपुर शहर में जन जागरुकता  सत्र का आयोजन किया।  मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी  हॉस्पिटल, साकेत  की ओर  से आयोजित जागरुकता का मुख्य उद्देश्य पोस्ट कोविड मरीजों में कार्डियक अरेस्ट, हार्ट अटैक और दिल से संबंधित अन्य बीमारियों  के बढ़ते जोखिम को लेकर जागरुकता  बढ़ाना है।  यहां बताया गया कि ऐसे मामलों में किस तरह समय पर उपचार कर मृत्यु दर को रोका जा सकता है। 

डॉ विवेका कुमार  स्वरूप नगर एवं  न्यू जीटी नर्सिंग होम  डॉ विनय गुप्ता  ओपीडी पार्टनर और कुलवंती अस्पताल में अपनी नियमित ओपीडी सेवाएं भी संचालित करते हैं।मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल साकेत के कैच लैब्स (पैन मैक्स)  कार्डियक साइंस  के प्रमुख  और प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉक्टर विवेक कुमार ने पत्रकार वार्ता  में बताया कि  कोविड -19 को  शुरुआती  तौर पर फेफड़े और सांस की बीमारी माना जाता है। हमने देखा है कि संक्रमण के कारण दिल में सूजन आ जाती है।  जिसकी वजह से  ये ठीक से  काम नहीं कर  पाता।  वायरस हृदय  की मांसपेशियों को सीधे प्रभावित करता है और नुकसान पहुंचाता है।वैसे ही जैसे अन्य वायरल संक्रमण से नुकसान पहुंचता है। 

डॉ  विनय गुप्ता ने  बताया  कि हमने देखा  है  कि वैक्सीन की हर डोज  लेने  वाले  यानी  फुली वैक्सीनेटेड लोगों में  दिल का दौरा पड़ने  का जोखिम बहुत  कम होता है जबकि अन्य इंफ्लेमेटरी मार्कर्स के साथ रक्त को पतला करने वाली दवाएं दी जाती हैं और दिल का दौरा पड़ने के जोखिम को बढ़ाने वाले  पारंपरिक  फैक्टर्स  को नियंत्रित करने की सलाह दी जाती है जिससे दिल के दौरे की  रोकथाम में मदद  मिल सके। कोविड  की बीमारी  के बाद के  दौर  में  हर  मरीज के लिए सावधानी से देखभाल और सहयोग के साथ ही आराम प्रॉपर रिकवरी के लिए महत्वपूर्ण है। मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही कोविड से जुड़े अन्य नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें।