डॉक्टर कनिका गुप्ता नई दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी (गायनी एंड रोबोटिक सर्जरी) विभाग की सीनियर डायरेक्टर हैं. डॉक्टर कनिका बता रही हैं कि सर्वाइकल क्या होता है, कैसे होता है, इससे कैसे बचाव करें और इसका इलाज क्या है.
सर्वाइकल कैंसर वो कैंसर होता है जो सर्विक्स यानी यूट्रस के निचले हिस्से के सेल्स पर असर करता है. ये यूटेरस का वो निचला हिस्सा होता है जो वजाइना से जुड़ा होता है. ये महिलाओं में होने वाला एक आम कैंसर है लेकिन इसके जल्दी डायग्नोज होने पर इलाज भी संभव है.
सर्वाइकल कैंसर के कारण
सर्वाइकल कैंसर मुख्य रूप से लगातार ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) इंफेक्
रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट यानी प्रजनन पथ आमतौर पर उस एचपीवी वायरस से संक्रमित होता है जो सेक्स के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे में ट्रांसफर होता है. जो महिलाएं या पुरुष सेक्सुअली एक्टिव होते हैं वो जीवन में कभी न कभी इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं. इनमें से 90 फीसदी से ज्यादा संक्रमित लोग वायरस से उबर जाते हैं. जितनी भी महिलाएं सेक्सुअली एक्टिव रहती हैं उनमें से आधे से ज्यादा को किसी न किसी पड़ाव पर एचपीवी वायरस चपेट में ले लेता है, लेकिन उनमें से बहुत ही कम महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होता है.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
शुरुआती स्टेज में आमतौर पर सर्वाइकल कैंसर के कोई लक्षण नजर नहीं आते. लेकिन जब कैंसर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है तो कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं. जैसे वजाइना से कभी भी ब्लीडिंग होने लगती है, सेक्स के दौरान दर्द होता है और वजाइना से डिस्चार्ज होने लगता है. अगर किसी महिला को इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है तो उन्हें जरूर जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
सर्वाइकल कैंसर का कैसे पता लगता है
सर्वाइकल कैंसर को डायग्नोज करने के लिए आमतौर पर पीएपी स्मियर किया जाता है. इस टेस्ट को करने के लिए सर्विक्स से सेल्स का सैंपल लिया जाता है और उसकी जांच की जाती है. अगर कोई एब्नार्मल सेल पाया जाता है, तो फिर बायोप्सी कराई जाती है ताकि कैंसर का सटीक तरह से पता लगाया जा सके.
सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचाव करें
इस कैंसर से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि रेगुलर पीएपी स्मीयर टेस्ट कराए जाएं. इस टेस्ट में एब्नार्मल सेल्स का कैंसर होने से पहले ही लग जाता है, जिसका फायदा ये होता है कि वक्त पर इलाज कराया जा सकता है. इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर को पनपने से रोकने के लिए एचपीवी वैक्सीन भी लगवाई जा सकता है, सेक्स सुरक्षित तरीके से किया जाए और स्मोकिंग को छोड़ दिया जाए. एचपीवी टीकाकरण से 90% तक सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है. ये वैक्सीनेशन वायरस के दो से सात हाई रिस्क वाले वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा देता है.
सर्वाइकल कैंसर का इलाज क्या है
सर्वाइकल कैंसर का इलाज उसकी स्टेज पर निर्भर करता है. शुरुआती स्टेज में इस कैंसर को एक बहुत की सिंपल प्रक्रिया से ठीक किया जा सकता है जिसे कोन बायोप्सी कहते हैं. इस प्रक्रिया में सर्विक्स से एब्नार्मल सेल्स को निकाल दिया जाता है. अगर कैंसर इससे एडवांस स्टेज का हो तो फिर रेडिएशन थेरेपी की जाती है, कीमोथेरेपी या हिस्टेरेक्टोमी की जाती है.
सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर बीमारी जरूर है जो महिलाओं को प्रभावित करती है लेकिन शुरुआती स्टेज में इसका पता लगाकर इसका इलाज भी संभव है. अगर आपको भी सर्वाइकल कैंसर से जुड़ा कोई लक्षण अपने अंदर महसूस होने लगे तो जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं. लगातार पीएपी स्मीयर टेस्ट कराएं और एचपीवी वैक्सीन भी ले सकते हैं. ये सर्वाइकल कैंसर से बचाव का सबसे बेहतर तरीका है. सही इलाज से सर्वाइकल कैंसर को हराया जा सकता है और महिलाएं सुरक्षित व खुशहाल जीवन जी सकती हैं.
कुल मिलाकर अपनी प्रजनन हेल्थ का ध्यान रखें, क्योंकि वो बेहद महत्वपूर्ण है. रेगुलर चेकअप कराएं. पीएपी स्मीयर टेस्ट से बहुत जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. किसी भी लक्षण को दरकिनार न करें और हर मुमकिन तरीका अपनाते हुए अपना ध्यान रखें. एक चीज हमेशा याद रखें, कि सर्वाइकल कैंसर की जानकारी बेहद जरूरी है, इसे जान-समझकर आप न सिर्फ अपना बचाव कर सकते हैं, बल्कि अपने प्रिय लोगों को भी आने वाले खतरे से पहले ही प्रोटेक्ट कर सकते हैं.
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