मैक्स हॉस्पिटल साकेत के डॉक्टर्स ने मोटापे को लेकर किया लोगों को जागरूक, वहीँ ऑपरेशन की नई तकनीक मेटोबोलिक और बेरिएट्रिक सर्जरी के बारे में दी जानकारी

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मैक्स हॉस्पिटल साकेत के डॉक्टर्स ने मोटापे को लेकर किया लोगों को जागरूक, वहीँ ऑपरेशन की नई तकनीक मेटोबोलिक और बेरिएट्रिक सर्जरी के बारे में दी जानकारी

मैक्स हॉस्पिटल साकेत के डॉक्टर्स ने मोटापे को लेकर किया लोगों को जागरूक, वहीँ ऑपरेशन की नई तकनीक मेटोबोलिक और बेरिएट्रिक सर्जरी के बारे में दी जानकारी

आगरा, 8 जुलाई 2023: मेटाबॉलिक और बेरिएट्रिक से जुड़ी मिनिमली इनवेसिव सर्जरी के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत ने आज एक अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवेयरनेस सेशन को मशहूर सर्जन प्रोफेसर (डॉक्टर) अतुल एन.सी, पीटर्स ने संबोधित किया। डॉक्टर पीटर्स मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत में बैरिएट्रिक, मिनिमल एक्सेस एंड जनरल सर्जरी विभाग के सीनियर डायरेक्टर हैं। इस दौरान  डॉक्टर पीटर्स ने लैप्रोस्कोपिक एंड रोबोटिक बैरिएट्रिक, मेटाबॉलिक और जीआई सर्जरी से जुड़ी लैटेस्ट तकनीक के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने मोटापे के बढ़ते खतरे और इसके सेहत पर असर को लेकर जानकारी दी।

मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत में बेरिएट्रिक, मिनिमल एक्सैस एंड जनरल सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डॉक्टर पीटर्स ने कहा, "मोटापा एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती के रूप में उभर रहा है और 1975 से लेकर अब तक इसका प्रभाव तीन गुना हो गया है। कुछ आंकड़ों पर गौर करें तो 2016 में 119 बिलियन एडल्ट लोग ओवरवेट थे और 650 मिलियन से ज्यादा एडल्ट मोटापे से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित थे। रिसर्च में पता चला है कि मोटापे के कारण 80-85 फीसदी टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा रहता है। ऐसे में जरूरी है कि इस स्थिति से निपटने के लिए लाइफस्टाइल को बदला जाए और खान-पान की आदतें सुधारी जाएं। भारत में पिछले एक दशक में खासकर शहरी क्षेत्रों में मोटापे से ग्रसित लोगों की संख्या डबल हो गई है। इससे पर्यावरणीय फैक्टर के असर के संकेत मिलते हैं, जिसमें खान-पान की च्वाइस, एक्टिविटी लेवल और बिहेवरियल पैटर्न शामिल हैं।

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के हिसाब से भारत में बच्चों में मोटापा काफी तेजी से बढ़ा है। बच्चों में मोटापा बहुत ही चिंताजनक है क्योंकि इससे सेहत पर असर पड़ता है और जीवन में आगे चलकर इसके गलत प्रभाव भी हो सकते हैं। अनुमान के हिसाब से सिर्फ 2016 में 5 साल की उम्र से नीचे के करीब 41 मिलियन बच्चे ओवरवेट या मोटापे की कैटेगरी में पाए गए। इसी के मद्देनजर ऐसे अवेयरनेस सेशन आयोजित किए जा रहे हैं ताकि लोगों को मोटापे से होने वाली मुश्किलों के बारे में जागरूक किया जा सके और वो अपनी लाइफस्टाइल को बेहतर करने समेत अन्य विकल्पों का इस्तेमाल कर सकें।

डॉक्टर पीटर्स ने आगे बताया, "बेरिएट्रिक सर्जरी से टाइप-2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, एसिड रिफ्लक्स, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया, पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज, जोड़ों का दर्द और तनाव जैसी शिकायत हो जाती है। मैक्स हॉस्पिटल में हमारा टारगेट ये रहता है कि मरीज के हिसाब से लेटेस्ट तकनीक के जरिए सर्जरी की जाए। स्टेट ऑफ आर्ट टेक्नोलॉजी के साथ हमारी विशेषज्ञता के चलते मरीजों के लिए बेहतर रिजल्ट आते हैं और उनके जीवन में सुधार आता है। गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी के जरिए 9-12 महीनों के अंदर ही मरीजों का 60-80 फीसदी ओवरवेट घट जाता है।

मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत के बेरिएट्रिक, मिनिमल एक्सेस एंड जनरल सर्जरी विभाग पहले से ही मरीजों को शानदार सर्जरी एक्सपीरियंस देने के लिए जाना जाता है। यहां मरीजों की बहुत ही अच्छे ढंग से देखभाल की जाती है, यहां बेहद अनुभवी एक्पर्ट डॉक्टर्स हैं, और मुश्किल से मुश्किल सर्जरी के मामले में उन्नत तरीके से समाधान निकाला जाता है।