ग्वालियर: मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पटपड़गंज (नई दिल्ली) अपनी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और वर्ल्ड क्लास ट्रीटमेंट सुविधाओं के लिए जाना जाता है और अब अस्पताल ने ग्वालियर में भी अपनी एक स्पेशल ओपीडी सेवा शुरू की है. यहां एक जनजागरूकता सत्र आयोजित किया गया, जिसमें न्यूरो साइंसेज की ओपीडी लॉन्च की गई. ये ओपीडी शहर के श्री डायग्नोस्टिक्स में मैक्स पेशंट असिस्टेंस सेंटर में उपलब्ध होगी.
ये ओपीडी सेवा हर महीने के चौथे मंगलवार को श्री डायग्नोस्टिक्स में मैक्स पेशंट असिस्टेंस सेंटर में सुबह 11.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक उपलब्ध रहेगी. इस ओपीडी का मकसद शहर व आसपास के लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाना है. मैक्स अस्पताल पटपड़गंज का मरीजों की सेवा करने की दिशा में ये एक और बड़ा कदम है जिसकी मदद से ग्वालियर व आसपास के लोगों को अच्छे विशेषज्ञों से परामर्श के लिए दूसरे शहरों की तरफ नहीं जाना पड़ेगा.
मैक्स अस्पताल पटपड़गंज में न्यूरो सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर मनीष गर्ग ने इस मौके पर टीयर-2 व टीयर-3 जैसे छोटे शहरों में दिमाग व रीढ़ की बढ़ती समस्याओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि न्यूरो और रीढ़ की समस्या हर उम्र के लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है. हालांकि, अच्छी खबर ये है कि इसके इलाज में लगातार नए नए एडवांसमेंट हो रहे हैं.
डॉक्टर मनीष गर्ग ने कहा, ''न्यूरो साइंस के क्षेत्र में तेजी से तरक्की हो रही हैं और मिनिमली इनवेसिव सर्जरी ने तो इलाज का पूरा तरीका ही बदल दिया है. यहां तक कि दिमाग और रीढ़ से जुड़े जटिल से जटिल मामलों में भी ये तरीका कारगर साबित हो रहा है. मैक्स अस्पताल पटपड़गंज में हमारी न्यूरो सर्जरी की टीम बहुत ही उन्नत उपकरणों से लैस है. स्पेशल व एडवांस माइक्रोस्कोपी की मदद से डॉक्टर माइक्रोस्कोपिक लेमिनेक्टोमी, वैस्कुलर सर्जरी और साइटिका यानी कूल्हे से पैरों की तरफ होने वाले दर्द के मामलों में इलाज किया जाता है. हमारे यहां स्टेट ऑफ आर्ट कैथ लैब्स हैं जहां ब्रेन एन्यूरिज्म सर्जरी की जाती है.''
इसके अलावा डॉक्टर मनीष गर्ग ने आगे कहा, ''काफी मरीजों को ओपन और पारंपरिक सर्जरी से डर भी लगता है, लेकिन न्यूरो साइंस में हालिया प्रगति के साथ, इस तरह मुश्किल केस मिनिमली इनवेसिव तरीके से हैंडल किए जा रहे हैं. इसमें खून बहुत कम बहता है, ये सुरक्षित होती है और मरीज की रिकवरी भी तुरंत होती है. इसके अलावा कॉस्मेटिक लाभ भी है. हड्डी या मांसपेशियों को कोई नुकसान नहीं होता है, शेप अच्छी तरह से बरकरार रहती है और ओपन सर्जरी की तुलना में मरीज की रिकवरी का टाइम भी इसमें कम लगता है.''
न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में हुई तरक्की ने अब बहुत कुछ आसान कर दिया है. सर्जरी के बाद क्वालिटी ऑफ लाइफ में भी सुधार हुआ है. ऐसे में एक बेहतर टीम से पूरी प्लानिंग के साथ स्पाइन सर्जरी कराने से बेहतर रिजल्ट आने के चांस काफी ज्यादा रहते हैं.
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