पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी से संबंधित ओपीडी हर शनिवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक न्यूटिमा हॉस्पिटल, में चलेगी। इस ओपीडी में मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत में पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर मुनेश तोमर प्राथमिक परामर्श के लिए मौजूद रहेंगे।जबकि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों और कैंसर से संबंधित ओपीडी हर दूसरे महीने के चौथे शनिवार को अपुस्नोवा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक चालू रहेंगी, जहां डॉक्टर मनीष जैन, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, जीआई ऑन्कोलॉजी और डॉक्टर देबाशीष चौधरी, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, जीआई ऑन्कोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत प्राथमिक परामर्श के लिए उपस्थित रहेंगे।
ओपीडी सेवाएं हमारे सम्मानित विशेषज्ञों डॉक्टर मुनेश तोमर, डायरेक्टर, पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, डॉक्टर मनीष जैन, प्रिंसिपल डायरेक्टर, जीआई ऑन्कोलॉजी और मैक्स अस्पताल साकेत से डॉक्टर देबाशीष चौधरी-प्रिंसिपल सलाहकार जीआई ऑन्कोलॉजी की उपस्थिति में शुरू की गईं।
ओपीडी लॉन्च के दौरान, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत के पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर मुनेश तोमर ने कहा,पिछले तीन दशकों में भारत में जन्मजात हृदय दोषों (कंजेनिटल हार्ट डिटेक्स्स) के इलाज के लिए उपलब्ध सुविधाओं में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। माता-पिता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि अगर उनके बच्चे को दिल की बीमारी का पता चलता है तो वे उम्मीद न खोएं या परेशान न हों। मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत में बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी कार्यक्रम ऐसे बच्चों के लिए उपचार सुविधाएं प्रदान करता है, और यहां तक कि गंभीर जन्मजात बीमारी वाले नवजात शिशुओं का भी अच्छे परिणामों के साथ सफलतापूर्वक इलाज किया जा रहा है। समय की मांग है कि जनता के बीच जागरूकता पैदा की जाए और मेरठ में इन ओपीडी सेवाओं का शुभारंभ शहर के स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को बेहतर करने में अहम होगा।
डॉक्टर मनीष जैन, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, जीआई ऑन्कोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत ने कहा, ‘’गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर जीआई ट्रैक्ट और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है जिसमें अन्नप्रणाली, पेट, छोटी और बड़ी आंत, यकृत, पित्ताशय, अग्न्याशय आदि शामिल हैं। ये कैंसर पेट के किसी भी हिस्से से अल्सर या मास के रूप में उत्पन्न हो सकते हैं और अगर ध्यान न दिया जाए तो कुछ ही समय में अन्य भागों में मेटास्टेसिस कर सकते हैं। जहां समय पर डायग्नोज से सकारात्मक परिणाम की संभावना बढ़ जाती है, वहीं देर से इलाज होना परिणाम को प्रभावित करता है और जीवन की गुणवत्ता पर भी गलत असर डाल सकता है।
डॉक्टर देबाशीष चौधरी, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, जीआई ऑन्कोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत ने कहा, ‘’हमारा प्रयास कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और ऐसे रोगियों को समग्र और सहायक वातावरण प्रदान करना है. प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ, कैंसर सर्जरी तक न्यूनतम पहुंच भी आम हो गई है।
विशेषज्ञ बड़ी आंत के कैंसर, पेट के कैंसर सहित यकृत मेटास्टेस सहित कठिन ट्यूमर का पर्याप्त रूप से पता लगाने में सक्षम हैं, जो लेट स्टेज की बीमारी का संकेत देते हैं। इसके कुछ मामलों में कम से कम चीरे या यहां तक कि लेप्रोस्कोपिक विधि के साथ भी इलाज किया जा सकता है। न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी, पारंपरिक सर्जरी की तुलना में मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है, जिनमें न्यूनतम निशान, तेजी से रिकवरी, कम दर्द, अस्पताल में कम समय तक रहना और सर्जरी के बाद कम जटिलताएं शामिल हैं।
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