दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की मार से हर कोई बेहाल है. जहरीले धुंध और धुएं में सांस लेना दूभर हो गया है. मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इस बीच, डॉक्टर्स भी स्मॉग को लेकर अलर्ट कर रहे हैं. आजतक से बातचीत में दिल्ली एम्स में न्यूरो सर्जरी के विशेषज्ञ रहे न्यूरो सर्जन डॉ. विपुल गुप्ता ने बताया कि रिसर्च में सामने आया कि एयर पॉल्यूशन का असर सिर्फ लंग्स में ही नहीं, बल्कि दिल और दिमाग पर भी पड़ता है.
डॉ. गुप्ता का कहना था कि 2015 में डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि करीब 20 प्रतिशत स्ट्रोक के मामले आ रहे हैं. करीब 20 से 25 प्रतिशत हार्ट अटैक हो रहे हैं. उसमें प्रदूषण भी एक वजह है. हम लोग अभी भी एयर पॉल्यूशन को इग्नोर कर रहे हैं. सिर्फ 10 माइक्रोग्राम पीएम 2.5 बढ़ने से ही 10 प्रतिशत स्ट्रोक या हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है. हाल में AQI 700 से ऊपर जा रहा है. ये हमारी बॉडी को बहुत प्रभावित करता है. घर के अंदर भी प्रदूषण का असर रहता है. जिन लोगों को पहले से रिस्क ज्यादा है, उन्हें अच्छी क्वालिटी की एयर प्यूरीफायर यूज करना चाहिए. घर बंद रखना चाहिए. एयर प्यूरीफायर स्ट्रॉन्ग रखना चाहिए.
courtesy: AajTak
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