क्या है मिरर हैंड सिंड्रोम? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और उपचार

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क्या है मिरर हैंड सिंड्रोम? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और उपचार

क्या है मिरर हैंड सिंड्रोम? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और उपचार
 

मिरर हैंड सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसके साथ कुछ बच्चे पैदा होते हैं. इसका मतलब है कि उनके दोनों हाथों पर 7 से 8 उंगलियां हैं, लेकिन कोई अंगूठा नहीं होता है. 

आज के समय में कई ऐसी ऐसी बीमारियां , जिनके बारे में अधिकतर लोगों नहीं पता होता है. ये बीमारियां कई बार गंभीर भी हो सकती हैं. इन्हीं में से एक है मिरर हैंड सिंड्रोम. शायद आपने इसके बारे में पहले कभी न सुना हो, लेकिन ये गंभीर समस्या हो सकती है. मिरर हैंड सिंड्रोम (Mirror Hand Syndrome) की बीमारी में मरीज की उंगलियां दोनों तरफ से एक जैसी हो जाती हैं. इसके साथ ही ये उंगलियों की बनावट को भी प्रभावित करता है. आइए इसके बारे में डॉ. विपुल गुप्ता, प्रमुख , न्यूरोइंटरवेंशनल सर्जरी और सह-प्रमुख , स्ट्रोक यूनिट, आर्टेमिस अस्पताल, गुरुग्राम से जानते हैं. 
 

क्या है मिरर हैंड सिंड्रोम?

डॉ. विपुल गुप्ता ने बताया कि मिरर हैंड सिंड्रोम एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है जिसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं. यह एक व्यक्ति के हाथों को प्रभावित करता है, जिससे उनकी उंगलियां दोनों तरफ समान दिखती हैं. मिरर हैंड सिंड्रोम में रोगी की उंगलियां दोनों प्रायः एक समान रूप से प्रभावित हो जाती हैं. इसके साथ ही उंगलियों का ढांचा भी असामान्य हो जाता है. मिरर हैंड सिंड्रोम एक दुर्लभ और जन्मजात रोग है. इसमें अंगूठा हथेली से गायब होता है और पीड़ित को 7 या 8 उंगलियां हो सकती हैं. मिरर हैंड सिंड्रोम को उलनार डिमेलिया या मिरर हैंड भी कहा जाता है. इस बीमारी वाले 100 से कम लोग दुनिया भर में पाए गए हैं. 

मिरर हैंड सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसके साथ कुछ बच्चे पैदा होते हैं. इसका मतलब है कि उनके दोनों हाथों पर 7 से 8 उंगलियां हैं, लेकिन कोई अंगूठा नहीं होता है. उनके हाथों पर उंगलियां दोनों तरफ समान दिखती हैं. ज्यादातर बीच में एक उंगली और तीन अन्य उंगलियां होती हैं. यह स्थिति लड़कों और लड़कियों के साथ समान रूप से हो सकती है. मिरर हैंड सिंड्रोम मुख्य रूप से एक ऐसे न्यूरोलॉजिकल स्थिति से होता है जो मस्तिष्क के गतिकंट्रोल क्षेत्रों को प्रभावित करता है.

क्या है कारण-

मिरर हैंड सिंड्रोम मुख्य रूप से एक ऐसे न्यूरोलॉजिकल स्थिति से होती है जो मस्तिष्क के गतिकंट्रोल क्षेत्रों को प्रभावित करती है. मिरर हैंड सिंड्रोम के कारणों की पूरी जानकारी नहीं है हां ये कहा जाता है की यह स्थिति तब आती है जब फोएटस डेवलपिंग स्टेज में होता है, तब इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं. 

क्या है उपचार-

मिरर हैंड सिंड्रोम में व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की थेरेपी और विशेष उपकरण दिए जाते हैं ताकि उन्हें बेहतर होने में मदद मिल सके, जैसे शारीरिक थेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, और कस्टमाइज्ड सहायक उपकरणों का उपयोग हो सकता है. शारीरिक थेरेपी में व्यक्ति को मास्टरिंग और स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइजेस का अभ्यास दिया जा सकता है, जो मदद कर सकते हैं उनकी हड्डियों और मांसपेशियों को सही तरीके से काम करने में.

ऑक्यूपेशनल थेरेपी में लोग सीख सकते हैं कि शारीरिक गतिविधियों को करने में बेहतर कैसे होना चाहिए, जैसे कपड़े पहनना या अपने दांतों को ब्रश करना, ताकि वे उन्हें और अधिक आसानी से कर सकें. वे इन चीजों को करने में मदद करने के लिए विशेष उपकरण या गैजेट का उपयोग भी कर सकते हैं. इसके अलावा, कई बार कुछ मामलों में सर्जिकल इंटरवेंशन भी किया जा सकता है, जिससे शारीरिक संरचना में सुधार हो सकता है.