गुब्बारे में हवा भरने से पता चलेगा कि डायबिटीज है या नहीं! आईआईटी की इस नई तकनीक के बारे में जानें

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गुब्बारे में हवा भरने से पता चलेगा कि डायबिटीज है या नहीं! आईआईटी की इस नई तकनीक के बारे में जानें

गुब्बारे में हवा भरने से पता चलेगा कि डायबिटीज है या नहीं! आईआईटी की इस नई तकनीक के बारे में जानें

डायबिटीज का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है. हालांकि, आईआईटी मंडी की एक नई डिवाइस तैयार की है, जिसकी मदद से डायबिटीज टेस्ट के लिए अंगुली से खून का सैंपल देने की जरूरत नहीं होगी!

मधुमेह  (डायबिटीज)  एक  ऐसी  लाइलाज  बीमारी  है,  जिसमें  खून  में  ग्लूकोज  (शर्करा)  का  लेवल अधिक होता है. यह तब होता है जब  शरीर इंसुलिन  का उत्पादन  नहीं  कर पाता है या  इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है. इंसुलिन  एक हार्मोन  है जो  शरीर में ग्लूकोज  को के लिए  उपयोग  करने  में  मदद  करता  है.  डायबिटीज  से  दिल  की  बीमारी,  स्ट्रोक,  गुर्दे की बीमारी, अंधापन या नसें डैमेज हो सकती हैं.


डायबिटीज का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है और खून  में  ग्लूकोज के लेवल को मापा जाता है.  हालांकि, आईआईटी  मंडी की  एक नई डिवाइस तैयार की है, जिसकी मदद से डायबिटीज टेस्ट के  लिए अंगुली से  खून का सैंपल देने की  जरूरत  नहीं  होगी!  संदिग्ध मरीज गुब्बारे में हवा भर के शुगर का लेवल पता  कर  सकते हैं. इतना ही नहीं, ये डिवाइस हार्ट बीट,  ब्लड प्रेशर  और  खून में  ऑक्सीजन की मात्रा का पता लगा सकती है.

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कैसे काम करता है ये डिवाइस?

आईआईटी  मंडी  के  शोधार्थियों ने एआई (आर्टिफिशियल तकनीक) नॉन-इनवेसिव  ग्लूकोमीटर नाम का नया  डिवाइस  बनाया है. यह बीमारी की जांच कर के  बेहतर परिणाम देता  है. संदिग्ध मरीज गुब्बारे में हवा भरता है  और फिर उसके सांस  को डिवाइस पर जांच के लिए लगाया जाता है. इसके बाद मरीज का शुगर लेवल पता चलता है. डिवाइस में 8 सेंसर लगाए गए हैं, जो मरीजों की सांस में  पाए जाने वाले बोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड  का पता लगाकर  डायबिटीज  होने का पता लगाता है.


550 मरीजों पर हुआ टेस्ट

आईआईटी की इस डिवाइस का हाल ही में बिलासपुर में स्थित एम्स के 550 मरीजों पर किया गया. डिवाइस ने मरीजों के सांस के सैंपल और डेटा इकट्ठा किए, जिसके परिणाम बेहतर आए. शोधकर्ताओं के अनुसार, यह नहीं डिवाइस 98 प्रतिशत कारगर साबित हुई. प्रोजेक्ट प्रमुख डॉ. वरुण दत्त ने बताया कि यह डिवाइस हेल्थ सेक्टर में कारगर साबित होगी. उन्होंने कहा कि इस डिवाइस को आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है और भविष्य यह ज्यादा बेहतर परिणाम देगी.


Courtesy: Zee news