मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज (नई दिल्ली) ने आज मेरठ में हेमाटोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट की ओपीडी सेवा शुरू की है. ये ओपीडी यहां मैक्स मेड सेंटर में लगेगी. मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज में हेमेटोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट विभाग में कंसल्टेंट डॉक्टर करुणा झा की मौजूदगी में ये ओपीडी लॉन्च की गई. डॉक्टर करुणा झा महीने के दूसरे और चौथे गुरुवार को दोपहर 12 बजे से 2 बजे लक ओपीडी में मरीजों को देखेंगी.
खून से जुड़े कई तरह के डिसऑर्डर होते हैं जिनमें लो हीमोग्लोबिन, लो प्लेटलेट काउंट, थैलेसीमिया, अप्लास्टिक एनीमिया, हीमोफिलिया और अन्य ब्लीडिंग डिसऑर्डर, मायलोमा, एक्यूट और क्रोनिक ल्यूकेमिया, लिम्फोमा जैसे ब्लड कैंसर जैसे रोग शामिल होते हैं. मेरठ व आसपास क्षेत्र के मरीज इस ओपीडी में विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखा सकेंगे और अब उन्हें प्राथमिक परामर्श के लिए दूसरे शहरों की तरफ नहीं जाना पड़ेगा.
लॉन्च इवेंट के दौरान मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज में हेमेटोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट विभाग में कंसल्टेंट डॉक्टर करुणा झा ने कहा, “भारत में करीब 60 फीसदी आबादी एनीमिया से प्रभावित है और इसके साथ कई अन्य ब्लड डिसऑर्डर भी होते हैं जो हल्के और घातक दोनों तरह के होते हैं. मायलोमा, एक बहुत ही कॉमन ब्लड कैंसर में से एक है और पिछले 25 वर्षों से प्रति लाख लोगों में से इसके 30 मामले सामने आते हैं. हालांकि, मेडिकल अवेयरनेस और इलाज के विकल्पों में हुई प्रगति, दवाओं से लेकर बोन मैरो ट्रांसप्लांट तक के कारण मरीजों को लाभ मिला है और आयु और क्वालिटी ऑफ लाइफ में बढ़ोतरी हुई है. हेमोटोलॉजी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है और बोन मैरो ट्रांसप्लांट जानलेवा ब्लड डिसऑर्डर में भी लाइफ सेविंग ट्रीटमेंट साबित हुआ है.
ब्लड डिसऑर्डर के जो कुछ कॉमन लाक्षण होते हैं उनमें थकान, ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता, बार-बार बुखार, वजन घटना, रात को पसीना, हड़डियों में दर्द, ब्लीडिंग, बढ़ी हुई प्लीहा (पेट के दाएं हिस्से की परेशानी । सूजन) शामिल हैं. ऐसे मामलों में कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, बोन मैरो ट्रांसप्लांट और टारगेटेड थेरेपी के जरिए इलाज किया जाता है.
डॉक्टर करुणा झा ने आगे कहा, ‘हमारे देश में हर साल कई मिलियन कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिसमें ब्लड कैंसर हर गुजरते साल में और अधिक आम होने लगता है. ज्यादातर कैंसर मामलों के लिए प्रभावी इलाज उपलब्ध है, जबकि बोन मैरो ट्रांसप्लांट अब लगभग सभी मरीजर्जी के लिए संभव हो गया है. जिन जानलेवा मामलों में कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी भी फेल हो जाती थी, वहां बीएमटी काफी असरदार साबित हुआ है. बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) सेंटरी की संख्या देश में बढ़ी है और हर साल इसके जरिए होने वाले इलाज के मामले भी बढ़ रहे हैं. इससे पता चलता है कि इस लाइफ सेविंग इलाज की उपलब्धता और इसका उपयोग बढ़ रहा है. बीएमटी की प्रक्रिया में जिस तरह के एडवांसमेंट हो रहे हैं, उससे उन मरीजों को भी राहत मिली है जो ट्रांसप्लांट के लिए सही डोनर का इंतजार करते रहते थे.”
मैक्स अस्पताल पटपड़गंज में हेमेटोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट विभाग बीएमटी के लिए विश्व स्तरीय, अत्याधुनिक उन्नत सुविधाओं से पूरी तरह सुसज्जित हैं, जिसमें एचईपीए-फिल्टर्ड रूम, विशेष डॉक्टर और किफायती व पारदर्शी पैकेज पर आईसीयू बैकअप के साथ डेडिकेटेड नर्सिंग केयर शामिल है. अस्पताल अपनी इन एडवांस सेवाओं को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने में लगा है और मेरठ में इस ओपीडी की शुरुजात उसी दिशा में उठाया गया एक कदम है.
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