किस उम्र के लोगों को अधिक प्रभावित करता है Hemophilia?

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किस उम्र के लोगों को अधिक प्रभावित करता है Hemophilia?

किस उम्र के लोगों को अधिक प्रभावित करता है Hemophilia?

World Hemophilia Day 2024:  Hemophilia एक घातक बीमारी है. इससे जान जाने का खतरा भी बना रहता है, हालांकि ये कम लोगों को ही प्रभावित करता है. हर साल 17 अप्रैल को दुनियाभर में वर्ल्ड हीमोफिलिया डे मनाया जाता है. इसे मनाने का मकसद लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है. आज के समय में भी कई लोगों इसकी जानकारी नहीं है. आज अपने लेख में हम डॉ. मीत कुमार, क्लिनिकल डायरेक्टर – हेमेटोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम से जानेंगे कि Hemophilia किस उम्र के लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है और ये बीमारी कैसे होती है.

डॉ. मीत कुमार ने बताया कि हीमोफीलिया किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह आमतौर पर जन्म या बचपन से ही प्रकट होता है और जीवन भर जारी रहता है.

हीमोफीलिया एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है, जो आमतौर पर जीवन की शुरुआत में प्रकट होता है, अक्सर ये इनफैन्सी ( infancy) या चाइल्डहुड के दौरान प्रकट होता है, लेकिन लक्षणों की गंभीरता और समय का अंतर अलग हो सकता है. हीमोफीलिया वाले व्यक्ति आमतौर पर सर्जरी के बाद देर तक ब्लीडिंग का सामना करते हैं क्योंकि इसके शरीर में खून थक्के जल्दी नहीं जमते हैं.

हीमोफीलिया इसलिए होता है क्योंकि आपका शरीर आपके रक्त को थक्के बनाने में मदद करने के लिए पर्याप्त प्रोटीन (थक्का जमाने वाले कारक) नहीं बनाता है. ऐसे में चोट लगने के बाद खून बहता रहता है और रुकता नहीं है. शिशु अवस्था (infancy ) में, हीमोफीलिया के लक्षण में चोट का नीला पड़ना, नाभि के गिरने से खून बहना या छोटी चोट या गिरने के बाद जोड़ों में खून बहना शामिल हो सकता है.

हीमोफीलिया का प्रभाव व्यक्ति के जीवन के दौरान बढ़ सकता है. हालांकि बचपन में अक्सर लक्षण सबसे अधिक प्रकट होते हैं, लेकिन हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति को एडल्ट हुड (adulthood )में भी ब्लीडिंग और क्लॉटिंग का सामना करना पड़ता है , जैसे की डेंटल प्रक्रियाएं या एक्सीडेंट्स जो ब्लीडिंग एपिसोड्स को ट्रिगर कर सकती हैं.

हीमोफीलिया के लक्षण जो बचपन में दिख सकते हैं-

1. ज़्यादा सूजन होना

2. नाक से अत्यधिक खून बहना

3.छोटी चोट या घायल होने पर ज़्यादा खून बहना

एडल्टहुड में लक्षण काफी सेंसिटिव हो सकते हैं जैसे की-

1. सर्जरी या डेंटल प्रक्रियाओं के बाद काफी मात्रा में खून बहना

2. लंबे समय तक चोटों से ज़्यादा खून बहना

3. मेंस्ट्रुअल (menstrual ) फ्लो ज़्यादा होना

4. अनएक्सपेक्टेड (unexpected ) ब्लीडिंग होना

प्रिवेंशन टिप्स –

1. मेडिकल केयर : हेमोफिलिया वाले व्यक्तियों को नियमित जांच करानी चाहिए. इसमें रुटीन जांच और ब्लड क्लॉट के स्तर की मॉनिटरिंग शामिल है.

2. क्लॉटिंग फैक्टर रिप्लेसमेंट थेरेपी : डॉक्टर द्वारा दिए गए ट्रीटमेंट प्लान का पालन करें. कई बार डॉक्टर क्लॉटिंग फैक्टर रिप्लेसमेंट थेरेपी की मदद भी लेते हैं.

3. चोटों से बचें: हीमोफ़िलिया मरीजों को चोटों से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए. वे उन गतिविधियों से दूर रहें जो चोटों का खतरा बढ़ा सकती हैं, जैसे कि खेलना या कठिन काम करना.

4. चोट या अन्य मेडिकल प्रसंस्करण (procession )की स्थिति में, हीमोफ़िलिया के मरीजों को जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

5. दिए जाते हैं प्रोटीन: जिन लोगों को ये समस्या होती है उन्हें निदान के लिए नस में एक ट्यूब के माध्यम से क्लॉटिंग बनाने वाले प्रोटीन दिए जाते हैं. कुछ प्रकार की दवाओं के माध्यम से भी रक्त के थक्के को बनने को बढ़ावा दिया जा सकता है.

5. स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और समय पर आवश्यक दवाओं का सेवन करना हीमोफ़िलिया मरीजों को स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है.

6. हीमोफ़िलिया मरीजों को उन दवाओं का सही तरीके से उपयोग करने के लिए और चोटों से बचने के लिए सावधान रहना चाहिए जो उन्हें डॉक्टर द्वारा इमरजेंसी के टाइम पर बोली गई हों.