गुरुग्राम : पुरुषों में बांझपन (मेल इंफर्टिलिटी) की समस्या को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है. फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम में यूरोलॉजी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉक्टर अनिल मंदानी ने बांझपन के उन कारणों के बारे में बताया जिनसे पुरुषों में यह समस्या पनपती है. साथ ही डॉक्टर मंदानी ने ये भी बताया कि इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है.
पुरुषों में बांझपन की समस्या काफी आम है और दुनियाभर में बहुत कपल्स के रिश्तों पर असर डालती है, इसके बावजूद इसकी अनदेखी की जाती है. हालांकि, बांझपन आमतौर पर महिलाओं की समस्या समझा जाता है लेकिन ये समझना आवश्यक है कि फर्टिलिटी के मामले में पुरुषों का रोल भी अहम होता है.
फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम में यूरोलॉजी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉक्टर अनिल मंदानी ने इस बीमारी के प्रॉपर इलाज की भूमिका के बारे में बताते हुए कहा, ''पुरुषों में बांझपन की समस्या कई कारणों से हो सकती है, जिसमें शारीरिक से लेकर लाइफस्टाइल कारण शामिल हैं. शुक्राणु उत्पादन में समस्या, शुक्राणु की गुणवत्ता और शुक्राणु की डिलीवरी में समस्या होती है. जेनेटिक कंडीशन, हार्मोनल असंतुलन, टेस्टिकुलर डैमेज, इंफेक्शन और स्क्रॉटल के कारण शुक्राणु का उत्पादन प्रभावित हो सकता है, जिससे फर्टिलिटी की क्षमताएं कम हो जाती हैं. इसके अलावा शुक्राणु मॉर्फोलॉजी में असामान्यता और लो स्पर्म काउंट (ओलिगोस्पर्मिया) भी फर्टिलिटी यानी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है. प्रजनन नलिकाओं में रुकावट या हाइपोस्पेडिया, सख्त मूत्रमार्ग और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी स्थितियों के कारण शुक्राणु की डिलीवरी में समस्या हो सकती है, जिससे गर्भधारण में चुनौतियां हो सकती हैं.''
क्या है इलाज:
जब पुरुषों के बांझपन के इलाज की बात आती है तो इसके कारण पता लगाने और प्रजनन क्षमता बढ़ाने पर फोकस किया जाता है. कुछ ऐसी समस्याएं जो फर्टिलिटी को प्रभावित करती हैं उनको सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जा सकता है. वैरिकोसेले को रिपेयर किया जाता है, जिसका उद्देश्य अंडकोश में बढ़ी हुई नसों को ठीक करना होता है. इसके साथ ही बाधित वास डेफेरेंस या रिवर्स वासेक्टोमी की मरम्मत कर प्रजनन क्षमता को ठीक किया जाता है. एंटीबायोटिक दवाओं से प्रजनन पथ के इंफेक्शन को ठीक किया जा सकता है जिससे प्रजनन क्षमता में वृद्धि हो सकती है. यहां एक जरूरी बात ये है कि इस तरह के इलाज से हमेशा फर्टिलिटी में सुधार होने की कोई गारंटी नहीं होती है.
डॉक्टर अनिल ने आगे बताया, ''इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और प्रीमैच्योर इजैकुलेशन जैसी सेक्सुअल समस्याओं को ठीक कर गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है. इस तरह की समस्याओं से उबरने के लिए दवाओं या काउंसलिंग का सहारा लिया जा सकता है. मेडिकल ट्रीटमेंट के अलावा लाइफस्टाइल में बदलाव से प्रजनन क्षमता में सुधार किया जा सकता है. शराब का सेवन न करें और धूम्रपान न करें, स्वस्थ आहार लें और फिजिकली एक्टिव रहें. ये कुछ कदम उठाने से सेक्सुअल फंक्शन को बेहतर किया जा सकता है और इंफर्टिलिटी की समस्या को दूर किया जा सकता है.''
कुछ मामलों में जहां हार्मोनल असंतुलन जैसे कारणों से इंफर्टिलिटी की समस्या होती है उनमें हार्मोन थेरेपी दी जा सकती है. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी या दवाओं से हार्मोन को संतुलित करने में मदद मिल सकती है और इससे फर्टिलिटी में सुधार होता है. असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) की मदद से हार्मोन प्राप्त किए जा सकते हैं, इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) या इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) जैसी प्रक्रियाओं से कपल्स का पैरेंट बनने का ख्वाब पूरा होने की संभावना रहती है.
पुरुषों में बांझपन एक आम समस्या है लेकिन समय पर इसमें हस्तक्षेप कर और सही इलाज के जरिए इस समस्या से उबरा जा सकता है और कपल्स का पैरेंट बनने का सपना पूरा हो सकता है. फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम का मकसद लोगों को बेहतर इलाज और सपोर्ट देना है.
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