मेरठ : ह्रदय शरीर में समुचित मात्रा में रक्त संचालन के लिए आवश्यक एक पम्प का कार्य करता है। कुछ बीमारियों की वजह से ह्रदय की माशपेशियों में कमज़ोरी के कारण ह्रदय में फैलाव होकर इसका आकार बढ़ जाता है एवं इसकी पम्पिंग क्षमता कम हो जाती है, ह्रदय की इस पम्पिंग क्षमता के कमज़ोर पड़ जाने की स्थिति को हार्ट फ़ेल्यर कहा जाता है। इस स्थिति में जहाँ एक तरफ़ शरीर के अंगों में समुचित रक्त प्रवाह की कमी हो जाती है वहीं दूसरी ओर फेफड़ों एवं लिवर में अतिरिक्त बैक प्रेशर की स्थिति उत्पन हो जाती है और उनकी कार्य क्षमता कम हो जाती है ।
लक्षण - चलने में साँस फूलना, पैरों पर सूजन, जल्दी थकान एवं नब्ज़ की अनियमितता हार्ट फ़ेल्यर के प्रमुख प्रारम्भिक लक्षण हैं। बीमारी की एडवांस स्थिति में पेट पर सूजन,भूख ना लगना एवं लेटने में साँस फूलना प्रमुख लक्षण हैं। लम्बे समय से खांसी विशेषत लेटने की अवस्था में हार्ट फेलियर का लक्षण हो सकता है इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए I
कारण - ह्रदय के वाल्व की बीमारी, अनियंत्रित नब्ज़ एवं रक्तचाप, ह्रदय की मांसपेशी की सूजन के अलावा पुराने हार्ट अटैक की वजह से ह्रदय की मांशपेशियों की कमज़ोरी हार्ट फ़ेल्यर के प्रमुख कारण हैं।कोरोना के कारण भी मरीज़ों में वाइरल मायोकार्डिटिस (मांसपेशी की सूजन )की पुष्टि हुई है। गुर्दे एवं फेफड़े के पुराने रोग,अल्कोहोल का अत्याधिक सेवन एवं केन्सर उपचार की कुछ कीमोथेरापी दवाइयाँ भी ह्रदय की माँसपेशियों को कमज़ोर करके हार्ट फ़ेल्यर का कारण बनती हैं।कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान ह्रदय की माँसपेशियों पर सूजन आने के कारण हार्ट फ़ेल्यर की स्थिति बनती है।
निदान एवं उपचार- इकोकारडीयोग्राफ़ी एक प्रारंभिक टेस्ट है जो ह्रदय कि पम्पिंग क्षमता के साथ वाल्व की बीमारियों का पता लगाने में सहायक है।इसके अलावा हॉल्टर मॉनिटरिंग,एंजीयोग्राफ़ी एवं कुछ रोगियों में कार्डीयक एम आर आई की आवश्यकता पड़ती है।
नियमित समय पर चिकित्सा जाँच, उच्च रक्तचाप, मधुमेंह, कोलेस्टेरोल एवं ह्रदय गति को नियमित करने में सहायक दवाएँ हार्ट फ़ेल्यर को नियंत्रित करने में मदद कारी होती हैं।ह्रदय के वाल्व की बीमारीके लिए वाल्व की सर्जरी एवं धमनियों की ब्लोकेज के लिए एंजीयोप्लास्टी / बाइपास सर्जरी कीआवश्यकता होती है।कुछ मरीज़ों में एक विशेष प्रकार के पेसमेकर(सी आर टी)से ह्रदय की पम्पिंग क्षमता एवं जीवन की गुणवत्ता को सुधारने में सहायता मिलती है।यह मशीन इमर्जेंसी के दोरान बिजली के शॉक से अनियमित धड़कन को नियंत्रित करके सडन कार्डीयक अरेस्ट के ख़तरे से भी बचाती है।हार्ट फ़ेल्यर के मरीज़ों के लिए यह एडवांस पेसमेकर मशीन एक महत्वपूर्ण उपचार है।हार्ट फ़ेल्यर विशेषज्ञ की सलाह एवं निगरानी में ही पेसमेकर मशीन को लगवाना चाहिए ताकि समय समय पर मरीज़ की मेडिकल स्थिति के अनुसार पेसमेकर मशीन को प्रोग्राम किया जा सके।
कर्त्रिम ह्रदय (आर्टिफ़िशल हार्ट) एवं हार्ट ट्रांसप्लांट हार्ट फ़ेल्यर की एडवांस स्थिति के लिए आरक्षित उपचारों में से एक हैं।
प्रारम्भिक अवस्था में निदान,रिस्क फ़ेक्टर्स का नियंत्रण एवं समय पर प्रभावी उपचार की मदद के हार्ट फ़ेल्यर के रोगी एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। मैक्स अस्पताल वैशाली में हार्ट फेलियर से संबंधित सभी आधुनिक इलाज़ की सुविधाएं अनुभवी चिकित्सकों की देख रेख में उपलब्ध हैं।
Social Plugin