मैक्स हॉस्पिटल, द्वारका ने 8 घंटे की जटिल सर्जरी के बाद रोहतक की युवती के निष्क्रिय हाथ की गतिशीलता की बहाल

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मैक्स हॉस्पिटल, द्वारका ने 8 घंटे की जटिल सर्जरी के बाद रोहतक की युवती के निष्क्रिय हाथ की गतिशीलता की बहाल

मैक्स हॉस्पिटल, द्वारका ने 8 घंटे की जटिल सर्जरी के बाद रोहतक की युवती के निष्क्रिय हाथ की गतिशीलता की बहाल

रोहतक, 27 मार्च। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, द्वारका के डॉक्टरों ने 41 वर्षीय महिला की हाथ की गतिशीलता बहाल करने के लिए 8 घंटे की पुनर्निर्माण सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की। यह महिला पिछले चार वर्षों से गंभीर जलन के कारण हाथ की निष्क्रियता से जूझ रही थी। 


यह जटिल प्रक्रिया मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, द्वारका के हैंड, रिस्ट एवं रिकंस्ट्रक्टिव माइक्रोसर्जरी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. नीरज गोडारा द्वारा की गई। उन्होंने इस मरीज की पहली बार जांच रोहतक में ओपीडी सेवाओं के दौरान की थी। 


मरीज जो रोहतक की निवासी हैं, को चार साल पहले रसोई में एक दुर्घटना के कारण दाहिने हाथ की कलाई पर गंभीर जलन हो गई थी। इस चोट के चलते उनकी कलाई की गतिशीलता लगभग समाप्त हो गई थी। वह मुट्ठी बंद करने, वस्तुओं को पकड़ने और दैनिक कार्यों को करने में असमर्थ थी। पिछले चार वर्षों में उन्होंने कई डॉक्टरों से परामर्श किया लेकिन स्थिति की जटिलता और संभावित परिणामों के कारण उन्हें सर्जरी न कराने की सलाह दी जाती रही। 


सर्जरी की चुनौती और जटिलता के बारे में जानकारी देते हुए मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, द्वारका के हैंड, रिस्ट एवं रिकंस्ट्रक्टिव माइक्रोसर्जरी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. नीरज गोडारा ने कहा कि यह सर्जरी विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि इसमें फ्लैप रिकंस्ट्रक्शन और प्लेटिंग दोनों प्रक्रियाएं शामिल थी। हमारी टीम ने सिंगल स्टेज फ्लैप और प्लेटिंग प्रक्रिया को अपनाने का निर्णय लिया, जिसमें अत्यधिक सटीकता की आवश्यकता थी। पूरी सर्जरी एक ही बार में 8 घंटे तक चली। 


उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में एडवांस्ड माइक्रो सर्जिकल तकनीकों का उपयोग किया गया ताकि क्षतिग्रस्त टिशूज़ का पुनर्निर्माण किया जा सके और कलाई को स्थिर किया जा सके। जिससे हाथ के कार्य को अधिकतम रूप से बहाल किया जा सके। इस दृष्टिकोण से रिकवरी का समय भी कम हुआ और मरीज के हाथ की गतिशीलता वापस आने की संभावना बढ़ गई। 


डॉ. नीरज गोडारा के अनुसार सर्जरी के बाद मरीज को एक महीने तक पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरना पड़ा, जिससे उनकी हाथ की मांसपेशियां मजबूत हुईं और गतिशीलता में सुधार हुआ। धीरे-धीरे उन्होंने उंगलियों को मोड़ने, पकड़ने की शक्ति और छोटे-मोटे कार्यों को नियंत्रित करने की क्षमता हासिल कर ली। आज वह आसानी से मग पकड़ सकती हैं, मुट्ठी बंद कर सकती हैं और वे सभी दैनिक गतिविधियां कर सकती हैं, जो पिछले चार वर्षों से असंभव थी। 


हैंड, रिस्ट एवं रिकंस्ट्रक्टिव माइक्रोसर्जरी विभाग के कंसल्टेंट ने कहा कि इस जटिल सर्जरी की सफलता पुनर्निर्माण और हाथ सर्जरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो यह दर्शाती है कि मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, द्वारका जटिलतम मामलों में भी उन्नत चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।