पानीपत : किडनी ट्रांसप्लांट गंभीर किडनी फेलियर से जूझ रहे लोगों के लिए जीवन रक्षक प्रक्रिया होती है, लेकिन कई लोग इसके महत्व और प्रक्रिया को पूरी तरह नहीं समझते। इसी को ध्यान में रखते हुए, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग ने किडनी ट्रांसप्लांट में हुई नवीनतम प्रगति पर जागरूकता बढ़ाने की पहल की है।
हाल के वर्षों में किडनी ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति के चलते मरीज और डोनर दोनों के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। ट्रांसप्लांट के बाद मरीज को बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य, डायलिसिस से मुक्ति और मानसिक रूप से अधिक सशक्त जीवन जीने का अवसर मिलता है।
किडनी ट्रांसप्लांट प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए, मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग के नेफ्रोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट मेडिसिन विभाग के डायरेक्टर डॉ. मनोज अरोड़ा ने कहा,"किडनी हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो रक्त से वेस्ट और एक्सेस फ्लुइड्स को फ़िल्टर कर पेशाब के रूप में बाहर निकालती है। जब किडनी फेल हो जाती है, तो शरीर में विषैले पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं या मृत्यु तक हो सकती है। ऐसे मामलों में किडनी ट्रांसप्लांट की सिफारिश की जाती है। इसमें एक स्वस्थ किडनी को प्राप्तकर्ता के शरीर में प्रत्यारोपित किया जाता है ताकि वह असफल किडनी के कार्य को संभाल सके।"
किडनी फेलियर के प्रमुख कारणों में उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़, बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH), अनुपचारित किडनी स्टोन, दर्द निवारक दवाओं का अत्यधिक सेवन और बार-बार मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) शामिल हैं। अक्सर इसके लक्षण तब तक स्पष्ट नहीं होते जब तक स्थिति गंभीर न हो जाए, जिससे समय पर उपचार में देरी हो सकती है। हालांकि, पैरों या टखनों में सूजन, पेशाब के रंग में बदलाव, लगातार थकान, कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी करने की इच्छा होना या बीमार महसूस करना और भूख न लगना जैसे चेतावनी संकेतों को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए। इन लक्षणों की समय रहते पहचान करना जटिलताओं को रोकने और उचित उपचार शुरू करने के लिए बेहद जरूरी है।
मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग के यूरोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग के सीनियर डायरेक्टर डॉ. वाहिदुज्ज़मां ने किडनी ट्रांसप्लांट प्रक्रिया में हाल के नवाचारों के बारे में चर्चा करते हुए कहा, "पिछले कुछ वर्षों में, किडनी रिप्लेसमेंट और ऑर्गन सपोर्ट के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिससे मरीजों के नतीजों में सुधार हुआ है। रोबोट-असिस्टेड रीनल ट्रांसप्लांटेशन एक अत्यधिक प्रभावी तकनीक के रूप में उभरा है, जो तेज़ रिकवरी, कम दर्द, अधिक सटीकता और न्यूनतम चीरे के साथ बेहतर उपचार सुनिश्चित करता है। रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी ने इन्ट्रा-ऑपरेटिव जटिलताओं के प्रबंधन और सुरक्षा को बढ़ाया है, जिससे प्रक्रिया अधिक प्रभावी हो गई है। हालांकि, लंबे समय तक ट्रांसप्लांट की सफलता के लिए नियमित मेडिकल फॉलो-अप, संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना आवश्यक है।"
उन्नत तकनीक, विशेष क्लिनिकल दृष्टिकोण और अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक क्षमताओं से लैस मैक्स हॉस्पिटल, शालीमार बाग न केवल शुरुआती चरण के किडनी प्रोब्लेम्स का सटीक पता लगाने में सक्षम है, बल्कि जटिलतम मामलों का भी सफलतापूर्वक इलाज करने में सक्षम है।
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